नान स्टाप राइटिंग चेलैंज 2022 एडीशन 1 मानसिकता में फर्क( भाग 29)
शीर्षक :- मानसिकता में फर्क
बहुत समय पहले की बात है एक गाँव में दो भाई रहते थे। उनके पिताजी बहुत समझदार थे। उन्होंने मरने से पहले अपने मकान के ऊपर भी एक मकान और बनवाकर दोनौ भाईयौ को अलग अलग कर दिया था। कुछ समय बादत्रवह स्वर्ग सिधार गये।
अब वह दोनौ भाई अलग अलग रहते थे।, बडा़ भाई नीचे की मंजिल पर और छोटा भाई ऊपर की मंजिल पर रहता था। पता नही वह दोनों भाई कब एक दूसरे से दूर होते गए, एक ही मकान में रहकर भी ज्यादा बातें न करना, विवाद वाली बातों को तूल देना, यही सब चलता था। हर रोज किसी न किसी बात फर झगडा़ होना यह हर रोज की बात थी।
बडा़ भैया ऑफिस के लिए जल्दी निकलते और घर भी जल्दी आते थे, जबकि छोटा भाई देर से निकलता और देर से लौटता था, इसलिए उसकी गाड़ी हमेशा बडे भाई गाड़ी के पीछे खड़ी होती थी।
बडे़ भाई को हर रोज सुबह गाड़ी हटाने के लिए आवाज देनी पड़ती थी। उनका आवाज देना छोटे भाई को हमेशा अखरता, था। उसे लगता कि उसकी नींद खराब हो रही है। कभी रात के वक्त उनका ये बोलना नागवार गुजरता कि बच्चों को फर्श पर कूदने से मना करो, नींद में खलल पड़ता है।
ऐसे ही गुजरते दिनों के बीच एक बार छोटा बालकनी में बैठा था, कि उसे नीचे से मकान का गेट खुलने की आवाज सुनाई दी, झांककर देखा, तो पाया कि नीचे कॉलोनी के युवाओं की टोली थी जो किसी त्यौहार का चंदा मांगने आई थी।
नीचे बडे़ भैया से चंदा लेकर वो लोग पहली मंजिल पर आने के लिए सीढ़ियाँ चढ़ने लगे, तो भैया बोले," अरे उपर मत जाओ, उपर नीचे एक ही घर है"।
युवाओं की टोली तो चली गई पर छोटे भाई के दिमाग में बडे़ भैया कि बात गूँजने लगी, "उपर नीचे एक ही घर है"।
छोटेभाई को शर्मिंदिगी महसूस होने लगी कि भैया में इतना बड़प्पन हैं, और मैं उनसे बैर रखता हूँ ।बात सौ दो सौ रूपयों के चंदे की नहीं बल्कि सोच की थी, और भैया अच्छी सोच में मुझसे कहीं आगे थे।
अगले दिन से छोटे भाई ने सुबह जल्दी उठकर गाड़ी बाहर करना शुरू कर दिया, बच्चों को हिदायत दी कि रात जल्दी सोया करें ताकि घर के बड़े चैन से सो सकें, क्योंकि "हमारा घर एक है"।
उसदिन के बाद दोनौ परिवार एक होगये और सभी अपने से बडौ का सम्मान करने लगे। बडे़ अपने से छोटौ को प्यार जताने लगे। इपस के भेदभाव मिट गये। हमारी मानसिकता के कारण ही हमारे घरों में टकराव होता है यदि हम अपनी मानसिकता बदललै तो सभी समस्याऔ का हल बहुत आसानी से हो सखता है
सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।
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नान स्पाप राइटिग चेलैन्ज हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
Gunjan Kamal
15-Nov-2022 10:13 AM
Nice 👍🏼
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Khushbu
13-Nov-2022 05:52 PM
Nice 👍🏼
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Mahendra Bhatt
04-Nov-2022 04:28 PM
शानदार भाग
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